रिश्ते
लोग ......
जो हर रिश्ते का एक नाम चाहते हैं ,
नहीं जानते ........कि कुछ रिश्ते ,
बिना नामों के
सदियों से
चलते आ रहे हैं ,पलते आ रहे हैं ।
ये रिश्ते हो सकते हैं किसी के भी बीच ।
जैसे ...
मनुष्य और मनुष्य के बीच ।
मनुष्य और पृकृति के बीच ।
मनुष्य और जानवर के बीच ।
मतलब ये
के किसी भी तरह के हो सकते हैं ये अनाम रिश्ते ।
आप ही बताइए ...?
कि लोग ....
जो हर रिश्ते का एक नाम चाहते हैं ।
क्या नाम देंगे ....?
कोयल और अमराई के रिश्ते को
क्या नाम देंगे ...?
उमंग और तरुणाई के रिश्ते को ।
क्या नाम देंगे ....?
बसंत और फूलों के रिश्ते को ।
क्या नाम देंगे ...?
सावन और झूलों के रिश्ते को ।
लोग .......
जो हर रिश्ते का एक नाम चाहते हैं ।
बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब - कविता का भाव पसंद आया। हर रिश्ते को नाम नहीं दिया जा सकता, कुछ रिश्ते "वैसे ही" अच्छे रहते हैं।
जवाब देंहटाएंवाह एक सोच और विचार को किस तरह रचना का रूप दिया है ....बहुत अच्छा लगा मुझे
जवाब देंहटाएंमेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
सुंदर और गहरे विचार.........बढ़िया रचना............अच्छी लगी।
जवाब देंहटाएंसही बात है, रिश्तों को नाम की ज़रुरत नहीं होती.
जवाब देंहटाएंseema ji
जवाब देंहटाएंbahut acchi rachna ..
sach hai ,kuch rishto ka koi naam nahi hota , naam ki jarurat bhi nahi hoti hai .. bus wo rishta hota hai ,jisme zindagi saans leti hai , yahi kaafi hai ji..
aapki is rachna ke liye badhai ..
vijay
poemsofvijay.blogspot.com
लाजवाब................रिश्तों को बिलकुल नए अंडज में लिखा है आपने............वैसे तो सचमुच हर रिश्ते का नाम नहीं दिया जा सकता...............कई रिश्ते अनजाने में ही दिल से बांध जाते हैं..........आप की रचना नए आयाम खोलती है
जवाब देंहटाएंvah bahut khoob
जवाब देंहटाएंआप सबके प्यार के लिए आभार बहुत छोटा सा शब्द है पर मुझे इसके अलावा कोई और शब्द नहीं आता .आप सबकी ह्रदय से आभरी हूँ
जवाब देंहटाएंकोयल और अमराई के रिश्ते को
जवाब देंहटाएंक्या नाम देंगे ...?
सुखद एहसास को रिश्तों में बांधना उस एहसास के आनंद को सीमित कर देता है और उस असीम के परम आनंद से वंचित कर देता है !बहुत सुन्दर रचना है आपकी !