आउंगी जरुर मैं
आउंगी जरुर मैं ,
पर
प्रतीक्षा मत करना मेरी ।
किसी भी दिन अचानक
आकर खड़ी हो जाउंगी ,
तुम्हारे सर्वथा निजी एकांत में ।
सोख लूंगी तुम्हारे भीतर की निस्तब्धता ,
अपनी उन्मुक्त हँसी से ।
मुस्कुराये बिना नहीं रह सकोगे तुम ।
आउंगी जरुर मैं
पर ,
प्रतीक्षा मत करना मेरी ।
किसी भी दिन अचानक
झाँकने लगूंगी ,मुडे -तुडे पन्नों से
कविता की पुरानी पुस्तक के .
खोल दूंगी यादों की खिड़कियाँ ।
कविता की पंक्तियों से
पढ़े बिना नही रह सकोगे तुम
आउंगी जरुर मैं
पर
प्रतीक्षा मत करना म्रेरी
किसी भी दिन अचानक
गूंजने लगूंगी तुम्हारे हृदय में ,
वंशी की मधुर तान सी ।
घोल दूंगी रस
तुम्हारे प्राणों में ,मन में ।
गुनगुनाये बिना नहीं रह सकोगे तुम ।
आउंगी जरुर मैं
पर
प्रतीक्षा मत करना मेरी ।
हो सके तो
बस
खुले रखना द्वार
हृदय के ।
कि
मैं आकर खड़ी हो सकूँ ।
हो सके तो
बस
सम्हाल कर रखना
कविता की पुरानी पुस्तक
कि
झांक सकूँ उ़सके पन्नों से ।
हो सके तो
बस
सहेज कर रखना
मन की बांसुरी ।
कि
मैं छेड़ सकूँ कोई धुन ।
आउंगी जरुर मैं
पर
प्रतीक्षा मत करना मेरी
amazing poem seemaji
जवाब देंहटाएंसीमा जी
जवाब देंहटाएंबहुत खूब लिखा है.
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आउंगी जरुर मैं
पर
प्रतीक्षा मत करना मेरी
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सार्थक सलाह
आउंगी जरूर पर.. प्रतीक्षा मत करना...आखिर क्यूँ?इंतजार रहेगा लिखती रहना...
जवाब देंहटाएंकिसी भी दिन अचानक
जवाब देंहटाएंआकर खड़ी हो जाउंगी ,
तुम्हारे सर्वथा निजी एकांत में ।
सोख लूंगी तुम्हारे भीतर की निस्तब्धता ,
अपनी उन्मुक्त हँसी से ।
मुस्कुराये बिना नहीं रह सकोगे तुम ।
बहुत खूब लिखा है.
अपने मनोभावो को बहुत सुन्दर शब्द दिए है।बधाई।
जवाब देंहटाएंYou make sense !!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत रचना । अभिव्यक्ति सहज है और भावपूर्ण भी । आभार ।
जवाब देंहटाएंयही तो प्यार होता है जहाँ आना देर हो सकता है .................जिन्दगी के विशाद पर प्यार का मिलना देर से हो पर मिलना जन्मो से मुक्त होता है ...........आपकी यह पन्क्ति मै आउंगी जरुर मे गहरा अर्थ छिपा है ..............प्यार को मिलने से फरिश्ते भी नहीं रोक पाये है तो इंसान क्या बला है ...........................बहुत ही बढिया............दिल को छू लिया आपने
जवाब देंहटाएंvaah.............. आने का vada तो है पर pratikshaa नहीं karnaa.......... प्यार में यूँ ही insaan chatpataata है janam janam की rishton को banaata है
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुन्दर कविता है
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चाँद, बादल और शाम । गुलाबी कोंपलें
क्या खूब लिखा है आपने, आउंगी जरूर मैं, पर प्रतीक्षा मत करना मेरी।
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा पढकर।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
really good ..
जवाब देंहटाएंसीमा जी ,बहुत मार्मिक और सुन्दर लिखती हैं आप ! अनवरत प्रतीक्षा में छोड़ जाती है आपकी यह रचना " आऊंगी ज़रूर पर प्रतीक्षा मत करना " ! बहुत खूब !
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