अहिल्या
अहिल्या की कथा पढ़ -पढ़ करसोचती रहती थी मैं अक्सरकिकैसे बदल जाती होगीअक जीती जागती औरतपाषाण की शिला में ?कैसा होता होगा वह क्रूर शाप ?जोजमा देता होगा शिराओं में बहते रक्त को ।आज अपने अनुभव से जाना,संवेदनहीन ,प्रवंचना युक्त अंतरंगता का साक्षात्कार ,कभी धीरे -धीरे और कभी अचानकजमा देता हैसंबंधों की उष्ण तरलता को.
[पेशे से पुलिस ,धर्म से मनुष्य ,शरीर से स्त्री ,मन से उभयलिंगी और स्वभाव से प्रेमी ] कविता के सिवा ye baat आपकी बाबत- कम प्रभावी नहीं! Wah
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बहुत खूब!
जारी रहें.
शुभकामनाएं.
सुंदर अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंBahut achachha prash hai, hamare shubhkamnaye.
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर । आप की कविता की गह्रराई काबिले-तारीफ है। बहुत-बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना!!
जवाब देंहटाएंपेशे से पुलिस ,धर्म से मनुष्य ,शरीर से स्त्री ,मन से उभयलिंगी और स्वभाव से प्रेमी ...................jaisee ho aap ............vaisee hi hai kavita............lazavaabb................sach..........!!
जवाब देंहटाएंसीमा जी आपकी कविता तो अच्छे है लेकिन आपने जो अपना परिचय दिया है वो बहुत ही लाजवाब है। आपमें साहित्य के कई झरने फूटते नज़र आ रहे हैं। चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है।
जवाब देंहटाएंkis ki tarif kare, aapke parichay dene ke andaj kee ya aap ki kavita kee. filhal aapke sundar bhav ke liye narayan narayan
जवाब देंहटाएंफ़ालो करें और नयी सरकारी नौकरियों की जानकारी प्राप्त करें:
जवाब देंहटाएंसरकारी नौकरियाँ
कैसे बदल जाती होगी
जवाब देंहटाएंअक जीती जागती औरत
पाषाण की शिला में ?
कैसा होता होगा वह क्रूर शाप ?
बहूत शशक्त लेखन, गहरा चिंतन
सुंदर अभिव्यक्ति है........मन के भावों को कलम से उतारने की भरपूर कला है आपमें, लिखते रहें
Acchha lagaa !
जवाब देंहटाएंसंवेदनहीन ,प्रवंचना युक्त अंतरंगता का साक्षात्कार ,
जवाब देंहटाएंकभी धीरे -धीरे और कभी अचानक
जमा देता है
संबंधों की उष्ण तरलता को.
बहुत खूब सीमा जी ! बिम्ब के माध्यम से भावों की अभिव्यक्ति कविता का श्रेष्ठतम रूप होती है !आपके लेखन में गहराई है और संवेदना की छुवन है !निरंतरता बनाये रखें !
bahut sundar abhivyakti........
जवाब देंहटाएंआपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .आपका लेखन सदैव गतिमान रहे ...........मेरी हार्दिक शुभकामनाएं......
बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
जवाब देंहटाएंब्लोगिंग जगत में स्वागत है
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना के लिए शुभकामनाएं
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लिए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com
मूल्यवान विचार एवं अभिव्यक्ति ..धन्यवाद ..
जवाब देंहटाएंआप सब का प्यार और उत्साहवर्धन सचमुच बहुत अपनापन मिलता है आप लोगों से. राजीव जी , विजय जी , संगीता जी, कविता जी ,विनय ,मिश्रा जी, संजय जी आप सब तो शुरू से ही उत्साह बढ़ा रहे हैं .नए दोस्तों की भी आभारी हूँ.
जवाब देंहटाएंseema ji ,
जवाब देंहटाएंsorry for late arrival , i was on tour.
as usual , the poem is very good , thought provaking , aur antim panktiyan ke liye mere aur se daad kabul kijiye..
rishte jyadatar aise hi hotye hai ...
badhai
main bhi kuch likha hai , jarur padhiyenga pls