सोमवार, 2 मार्च 2009

"योग्यतम ही रह पाता है जीवित "
सार्थक करते हुए इस सत्य को ,
अब तक बचा है प्यार
इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में

मानवता का यह सबसे योग्य पुत्र
हमेशा रहेगा जीवित
आदमी के भीतर |

जब तक के
दुलारना बंद नही कर देती माएं ,
बच्चों को

जब तक के
बंद नही कर देती बहने
अपने हिस्से की मिठाई ,
भाई को देना |

जब तक के
बंद नही कर देती
लड़कियाँ
ऑंखें पोंछना विदा लेते वक्त ,
किसी प्रियजन से

तब तक
बचा रहेगा प्यार
ये उम्मीद नही विश्वास है मेरा
क्योंकि ,
झुठलाया नहीं जा सका है अब तक
योग्यतम की उत्तरजीविता को

5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सही कहा , योग्यतम ही जीवित रह सकता है या यूं कहिये सच को ही जीवित रहना चाहिए | प्यार के बिना जीवन पंगु और अधूरा , प्यार के साथ जीवन एक उत्सव , उद्देश्यपूर्ण , सफलतम रूप |

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  2. प्यार तो शाश्वत है, जीवित है, सदा के लिए है इस संसार में, प्यार की बिना तो जीवन व्यर्थ है.
    सुन्दर तरीके से अभिव्यक्त किया है आपने प्यार के शाश्वत रूप को

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  3. तब तक
    बचा रहेगा प्यार ।
    ये उम्मीद नही विश्वास है मेरा
    क्योंकि ,
    झुठलाया नहीं जा सका है अब तक
    अच्छा लिखा है।

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  4. तब तक
    बचा रहेगा प्यार ।
    ये उम्मीद नही विश्वास है मेरा
    क्योंकि ,
    झुठलाया नहीं जा सका है अब तक
    योग्यतम की उत्तरजीविता को

    --बहुत बेहतरीन भाव, बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  5. seema

    again sorry for late arrival , i was on tour.

    ant me pyaar hi to bach jaata hai , bahut hi pyari abhivyakti ..

    main bhi kuch likha hai , jarur padhiyenga pls : www.poemsofvijay.blogspot.com

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